परिचय

मोहनलाल सुखाड़िया (31 जुलाई 1916 - 2 फरवरी 1982) एक भारतीय राजनेता थे, जिन्होंने 17 वर्षों (1954-1971) तक राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। वह 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने और राजस्थान में बड़े सुधार और विकास लाने के लिए जिम्मेदार थे। इसके लिए, वह अभी भी "आधुनिक राजस्थान के संस्थापक" के रूप में व्यापक रूप से सम्मानित है।

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राजनैतिक कार्यकाल

राजस्थान कांग्रेस का गठन 1946 में शुरू हुआ जब विभिन्न राज्यों के प्रजा मंडल राजपूताना राज्यसभा में एक आम निर्णय लेने और संगठन ढांचे के निर्माण के लिए विलय कर रहे थे। मोहनलाल सुखाड़िया राज्यसभा की कार्यकारी समिति के पंद्रह सदस्यों में से एक थे, जिनमें राजस्थान के प्रमुख राजनीति के अभिजात वर्ग शामिल थे। इस समिति के अन्य सदस्यों के साथ सुखाड़िया ने पार्टी की नीतियों और संकल्पों को तैयार करने और प्रचार करने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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1916
1936
1938
1942
1944
1946
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1948
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1982

1916: नाथद्वारा में पैदा हुए।

M.S. Sukhadia

वीजेटीआई के लिए छात्र निकाय के महासचिव निर्वाचित हुए।

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1938: इन्दुबाला से विवाह हुआ।

"भारत छोड़ो" के महात्मा गांधी के आह्वान का जवाब देते हुए, पूरे राजस्थान में भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया।

अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन का अधिवेशन उदयपुर में सम्पन कराया और मीरा नगरी का निर्माण किया |

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राजस्थान कांग्रेस का गठन शुरू हुआ और वह राज्यसभा की कार्यकारी समिति के पंद्रह सदस्यों में से एक थे जिसमें राजस्थान के प्रमुख राजनीति के अभिजात वर्ग शामिल थे।

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जनता की एक प्रतिनिधि के रूप में एक लोकप्रिय सरकार गठित की गई, श्री सुखाड़िया मेवाड़ क्षेत्र के खाद्य आपूर्ति मंत्री बने।

1948 से 1949 तक श्री माणिक्यलाल वर्मा के मंत्रिस्तरीय स्तर पर सिंचाई और श्रम मंत्री बने।

वर्तमान राजस्थान राज्य के गठन पर वह 26 अप्रैल, 1951 से श्री जयनारायण व्यास के तहत 1952 तक मंत्री पद पर बने रहे।

1952 से 1954 तक राजस्व, खाद्य आपूर्ति और सिंचाई मंत्री बने रहे।

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38 वर्ष की आयु में वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने जिन्होंने 17 वर्षों (1954 से 1971) तक अपनी सेवायें प्रदान की।

उन्होंने अन्य राज्यों के साथ साझेदारी की और राजस्थान के लिए 8 मिलियन एकड़ फुट सिंध नदी के पानी को संरक्षित किया।

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1957 में राज्य सरकार ने राजस्थान नहर परियोजना के लिए अनुमति दी।

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1959 में भारत में पंचायती राज शुरू करने वाला पहला राज्य, जिसका उद्घाटन नेहरू जी ने किया था।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के लिए चुने गए।

जोधपुर व उदयपुर में विश्वद्यालय की स्थापना कराई और तीसरी बार उदयपुर से ही विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए |

बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस की स्थापना पिलानी में सुखाड़िया जी के सद्प्रयत्नो द्वारा संभव हुई |

76 लाख टन खाद्य अनाज उत्पादन। (1970-1971)

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1971 में राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

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कर्नाटक के राज्यपाल - 1972

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल - 1976
जोधपुर विश्वद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ़ लॉ की मानद डिग्री प्रदान की गई |

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तमिलनाडु के राज्यपाल - 1976 – 1977

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श्रीमती इंदिरा गांधी से औपचारिक अनुरोध पर वह नई कांग्रेस (ई) में शामिल हो गए।

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1980 में पहली बार लोकसभा सदस्य बने।

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1981 - अध्यक्ष केंद्रीय बिक्री कर आयोग: कैबिनेट मंत्री रैंक

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1982 में बीकानेर में उनका देहांत हो गया।

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